प्राकृतिक संपदा और विशाल वन संरक्षण के लिए प्रसिद्ध उड़ीसा अभी पर्यावरण और धार्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति में चुनौतियों का सामना कर रहा है । उड़ीसा में इतना बनराजी होते हुए भी श्री जगन्नाथ मंदिर की चंदन (Sandal) की बढ़ती मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है जिसकी वजह से श्री जगन्नाथ मंदिर में व्यवहार चंदन (Sandal) के लिए बाहर राज्य के ऊपर निर्भर कर रहा है उड़ीसा । जो राज्य चंदन (Sandal) की ज्यादा खेती कर रहा है उन्हीं लोगों को ज्यादा प्रॉफिट हो रहा है ।
श्री जगन्नाथ मंदिर और चंदन (Sandal) का जरूरत:-
उड़ीसा के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर भारत के चार धामों में से एक है । खाली उड़ीसा नहीं भारत के बहुत सारे राज्यों से भक्त और श्रद्धालुयों का आगमन साल भर होता रहता है। आषाढ़ महीना के द्वितीया तिथि पर प्रभु श्री जगन्नाथ जी का बहुत प्रसिद्ध रथ यात्रा होता है । तमाम दुनिया से 10 लाख से भी ज्यादा भक्तों का समागम उस दिन होता है । श्री जगन्नाथ मंदिर उड़ीसा की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक है । साल भर श्री जगन्नाथ जी का पूजा के लिए तकरीबन 2.6 क्विंटल का चंदन (Sandal) आवश्यक हो रहा है । जो कि उड़ीसा में 52,156 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक वनराजी और हजार साल पुराना जंगल होते हुए भी उस जरुरत को पूरा नहीं कर पा रहा है ।
बाहर की राज्य पर निर्भरशीलता और लागत:-
52,156 वर्ग किलोमीटर की हजार साल पुरानी जंगल होते हुए भी उड़ीसा में चंदन (Sandal) की खेती नहीं किया जाता है । जो भी चंदन (Sandal) उपलब्ध होता है उसका गुण और महक सही नहीं होने के कारण उसका उपयोग ज्यादा नहीं किया जाता है । इसलिए श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को तमिलनाडु और कर्नाटक से चंदन (Sandal) मांगना पड़ता है जिसकी कीमत₹23000 प्रति किलो है । चंदन (Sandal) के दुषरे राज्य के ऊपर भरोसा करना राज्य के अख्यमता को दर्शाती है, जबकि उड़ीसा के विशाल जंगल चंदन (Sandal) उत्पादन में बिफल है । अगर कोई विलेज बिजनेस आइडिया (Village Business Ideas)लगाकर चंदन (Sandal) का खेती करते हैं तो निश्चित रूप से बहुत प्रॉफिट हो सकता है । और इसके लिए ज्यादा इन्वेस्ट करने का भी जरूरत नहीं होता है ।
विलेज बिजनेस आईडियाज (Village Business Ideas) में चंदन (Sandal) प्लांटेशन की संभावना:-
अगर आप बिजली बिजनेस आईडियाज (Village Business Ideas) को लेकर अपना इलाके में या खुद का जमीन में चंदन (Sandal) की खेती करते हैं तो निश्चित रूप से आपको ज्यादा प्रॉफिट होगा । चंदन (Sandal) की खेती न केवल मंदिर की मांग को पूरा कर सकती है बल्कि यह राज्य के किसानों और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक हो सकतीहै । जनसंख्या जितना तेजी से बढ़ती जा रही है उसी के हिसाब से प्लांटेशन नहीं बढ़ पा रही है । दूसरी तरफ माइंस इंडस्ट्रीज की वजह से हर साल लाखों करोड़ों पेड़ पौधे काट दिए जाते हैं । और उसके बदले जो प्लांटेशन किया जाता है उसकी देखभाल नहीं होने के कारण सही ढंग से नहीं हो पा रहा है । उसी के कारण पर्यावरण में काफी बदलाव आ रहा है जैसे कार्बन डाइऑक्साइड गैस का बढ़ जाना, ज्यादा गर्मी का महसूस होना,पानी का नमी जमीन से जल्दी चले जाने का समस्याएं को हम सामना कर रहे हैं । अगर विलेज बिजनेस आइडिया (Village Business Ideas)से चंदन (Sandal) का खेती कोई करता है तो मनी अर्निंग के लिए एक परमानेंट सोर्स बन जाता है और पर्यावरण का बचाव के लिए ग्रीनरी एनवायरनमेंट का क्रिएट भी किया जा सकता है ।
प्रॉफिट और इन्वेस्ट:-
देखिए विलेज बिजनेस आईडियाज(Village Business Ideas) का इस चंदन (Sandal) पेड़ प्लांटेशन से आपको काफी प्रॉफिट मिल सकता है । एक परिपक्व चंदन (Sandal) की पेड़ तकरीबन 3:30 लाख से 5 लाख तक आपको इनकम दे सकता है । इससे किसान तथा बिजनेसमैन के लिए एक दीर्घकालिक इन्वेस्ट के रूप में देखा जा सकता है । क्योंकि एक बार अगर आप प्लांटेशन करते हैं तो वहां पर ज्यादा आपको खर्चा नहीं करना पड़ेगा । चंदन (Sandal) का काफी पेड़ आपको मुफ्त में हर साल मिल जाएगा । जिससे आप चंदन (Sandal) आधारित उद्योग स्थापित कर सकते हैं और काफी सारा अर्निंग करने की संभावनाएं की विकसित कर सकते हैं ।
आप अगर विलेज बिजनेस आइडिया (Village Business Ideas)से चंदन (Sandal) की खेती करते हैं तो ज्यादा इन्वेस्ट करना नहीं पड़ेगा । सरकार की वनीकरण योजना से आपको प्लांटेशन और देखभाल का आर्थिक सहायता मिल जाएगा । किसानों को चंदन (Sandal) की खेती के लिए सब्सिडी और शिक्षक दिया जा सकता है । जिसकी वजह से किसान लोग ज्यादा प्रोत्साहित होंगे और अपने पास बंजारा पडे हुए जमीन पर चंदन (Sandal) का खेती करेंगे । जो लोग पारंपरिक खेती करते आ रहे हैं उनके खेत का पगडंडी पर चंदन (Sandal) की खेती किया जा सकता है । उसकी देखभाल और मेंटेनेंस के लिए सही ढंग से अगर एनजीओ के माध्यम से ट्रेनिंग प्रदान की जाती है तो किसान लोग ज्यादा प्रोत्साहित हो सकते हैं ।
स्थानीय उत्पादन:-
अगर उड़ीसा के विभिन्न प्रांतो पर चंदन (Sandal) की खेती किया जाता है तो श्री जगन्नाथ मंदिर में लगने वाले चंदन (Sandal) की आवश्यकता को आसानी से पूरा किया जा सकता है । टेक्नोलॉजी जितना आगे बढ़ती जा रही है उसी के हिसाब से बिजली का रिटायरमेंट बढ़ती जा रही है । बहुत तेजी से बढ़ती जा रहे हैं छोटे बड़े मिल फैक्ट्री के साथ लोगों का आवश्यकता को पूरा करने के लिए बहुत सारे थर्मल पावर प्लांट का स्थापना किया जा रहा है । नियमित चलने वाले पावर प्लांट से कोयला जलकर जो राख निकल रहा है उसको फ्लाई ऐश (Fly Ash)बोलते हैं । और उड़ीसा में जितना थर्मल पावर प्लांट है वहां से सालाना काफी परिमाण में फ्लाई एस निकल रहा है । जोगी प्रशासन और कंपनियों का सर दर्द बन चुकाहै । गांव और पहाड़ी इलाके में पहले से बने हुए गड्ढे पर यह इसको दफनाकर उसके ऊपर मिट्टी का ढेर बना दिया जा रहा है । अगर इस इलाके को चंदन (Sandal) की खेती के लिए उपयोग किया जाए तो बहुत प्रॉफिट हो सकता है ।
पर्यावरण संरक्षण:-
विलेज बिजनेस आइडिया (Village Business Ideas)से अगर आप चंदन (Sandal) की खेती का प्रारंभ करते हैं तो पर्यावरण का संरक्षण भी हो सकता है । चंदन (Sandal) की पेड़ लगाने से पर्यावरण या संतुलन बेहतर हो सकता है और जैविक विविधता को बढ़ावा मिल सकता है ।
आर्थिक प्रगति और अर्निंग:-
चंदन (Sandal) की खेती राज्य को आत्मनिर्भर बन सकती है और किसानों के लिए स्थाई इनकम सोर्स का प्रबंध हो सकती है । उड़ीसा के विभिन्न प्रांत के किसानों अगर चंदन (Sandal) की खेती करते हैं तो श्री जगन्नाथ मंदिर के लिए जितना चंदन (Sandal) की रिटायरमेंट होती है वह तो हो पूरा हो जाएगा और उसी के साथ में चंदन (Sandal) का सेल करके बहुत प्रॉफिट बनाया जा सकता है ।
साबुन:-
उड़ीसा में अगर चंदन (Sandal) का खेती किया जा सकता है तो साबुन प्रोडक्शन के लिए मैसूर से इंपोर्ट किए जाने वाले चंदन (Sandal) की जगह उड़ीसा का चंदन (Sandal) उपयोग किया जा सकता है । जिसकी वजह से आपको काफी प्रॉफिट हो सकता है ।
धूप और अगरबत्ती:-
उड़ीसा में बहुत सारे धूप और अगरबत्ती बनाने वाले कंपनियां है । ज्यादातर महिला स्वयं सहायता गोष्टी धूप और अगरबत्ती बनाने का काम करते हैं । अगर उड़ीसा के किसान लोग चंदन (Sandal) की खेती करते हैं तो उनके Requirement के लिए जो चंदन (Sandal) बाहर राज्य से लाया जाता है वह आसान और कम रेट में मिल पाएगा । जिससे धूप और अगरबत्ती बनाने वाले कंपनी और स्वयं सहायिका समूह को ज्यादा प्रॉफिट मिल पाएगा ।
परफ्यूम और एसेंस:-
चंदन (Sandal) का परफ्यूम अभी बाहर राज्यों से आमदनी किया जा रहा है । अगर उड़ीसा के विभिन्न प्रांत के किसान लोग चंदन (Sandal) की खेती करते हैं तो परफ्यूम बनाने के लिए जो एसेंस चाहिए वह प्राकृतिक तरीके से उड़ीसा में ही मिलपाएगा । जिसकी वजह से बिजनेसमैन को ज्यादा बेनिफिट तो मिलेगा उसके बाद ट्रांसपोर्टिंग का खर्चा घट जाएगा और आसानी से कम वक्त में मिलपाएगा ।
कंक्लुजन:-
उड़ीसा को अपनी प्राकृतिक संपदा का कुशल प्रबंधन करने की आवश्यकता है चंदन (Sandal) की खेती और फ्लाई आज के प्रभावी प्रबंधन से राज्य न केवल आर्थिक और पर्यावरण या लाभ उठा सकता है बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित कर सकता है सरकार और प्रशासन को मिलकर दीर्घकालिक योजनाएं बननी चाहिए ताकि यह संकट समाधान की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण बन सके ।